धान हुआ जाम,10 से खरीदी बंद, कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन



धान का उठाव नहीं, प्रभारी हो रहे परेशान बढ़ी चिंता
रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में धान के स्टॉक जमा होने और धान उठाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से परेशान धान समिति केन्द्रों के प्रभारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर आगामी 10 दिसंबर से धान खरीदी बंद करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा दिया है। समितियों के प्रभारियों ने जिला कलेक्टर सहित तमाम अधिकारियों को 3 दिसंबर को ही इस बात की सूचना देते हुए धान उठाव का निवेदन किया था लेकिन आज 7 दिसम्बर हो जाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से चिंतित समितियों के प्रभारियों ने ये ऐलान कर दिया है कि धान का उठाव समितियों से नहीं होने की स्थिति ने 10 दिसंबर से धान की खरीदी पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की मंशा अनुरूप जिले के 183 धान खरीदी केंद्रों में 14 नवम्बर से धान की खरीदी नीति के परिपालन में जिले के समस्त उपार्जन केन्द्रों में सुचारू रूप से धान खरीदी किया जा रहा है। लेकिन अब तक धान का उठाव नहीं होने की वजह से समितियों में भारी मात्रा में धान जाम हो गया है। इसके अलावा मौसम के बिगड़ते मिज़ाज ने समिति प्रभारियों की चिंता और बढ़ा दी है।
विगत दिनांक 6 दिसंबर को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा अंतिम चेतावनी देते हुए पत्र का लेख में जिले के समस्त उपार्जन केन्द्रों में बफर लिमिट से अधिक धान की खरीदी हो गई है । तत्पश्चात धान उपार्जन केन्द्रों से धान के परिवहन के अभाव में बफर लिमिट से अधिक धान की खरीदी हो जाने तथा खरीदी धान को फड़ में रखने के लिए जगह का अभाव हो रहा है । जिससे जगह के अभाव में उपार्जन केन्द्रों के द्वारा धान खरीदी करना संभव नहीं है । जिसकी सूचना शासन प्रशासन को दिनांक 3 दिसम्बर को अवगत करा दिया गया है। बा वजूद आज पर्यंत दिवस तक धान का उठाव हेतु व्यवस्था नहीं किया गया है ।
धान का उठाव समिति से समय पर न होने के कारण तथा जिले के समस्त समिति के द्वारा दिनांक 9 दिसम्बर तक समस्त धान परिवहन की व्यवस्था न होने की स्थिति में आगामी दिनांक 10 दिसम्बर को शासन की महत्वपूर्ण योजना धान खरीदी जिले के समस्त उपार्जन केन्द्रों के द्वारा बंद करनी पड़ेगी । जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।

