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घोड़ारी के सरपंच जोगी बना भोगी,अब बन बैठे है योगी...?

 

जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित शिकायत के बा-वजूद कोई कार्यवाही नहीं।

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / अक्सर हम देखते आ रहे है। चाहे कांग्रेस कार्यकाल हो या फिर बीजेपी कार्यकाल लेकिन भ्रष्टाचार तो दोनो पार्टियां खुलकर करती है इसमें कोई शक नही,किंतु इन्ही भ्रष्टाचारों के खिलाफ कोई शिकायतकर्ता यदि शिकायत करता है या फिर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाहता है तो उसे जानकारी प्रदाय नही करने से दिग्भ्रमित किया जाता है। ऐसे ही एक लिखित शिकायत पत्र 21 जून 2024 को महासमुंद जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिया गया था जिसमे आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। बता दे जिला और जनपद पंचायत मुख्यालय से महज 10 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत घोड़ारी में ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव मिलकर कर रहे हैं सरकारी नियम कानून की अनदेखी। लाखों रुपए की लागत से बने व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का बिना किसी पंचायत प्रस्ताव के कर रहे हैं निजी उपयोग।

जनता की गाढी कमाई से बने कॉम्प्लेक्स को किराए ग्राम घोड़ारी के सरपंच सचिव द्वारा एक ढाबे वाले को किराए पर दे दिया गया है। ढाबे से आने वाले किराए की राशि को कौन रख रहा है। उस राशि का क्या उपयोग किया जा रहा है। इसका कोई हिसाब किताब सचिव के पास नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते ग्राम सचिव की जवाबदेही बनती है कि ग्राम पंचायत में होने वाले गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारी जनपद पंचायत के सीईओ को देते पर सचिव द्वारा ऐसा नहीं किया गया।

गौरतलब है कि सन 2014_15 में घोड़ारी ग्राम पंचायत के बिरकोनी मार्ग पर 5 दुकानें लगभग 10 लाख की लागत से बनाई गई थी। जिसका अब तक सरकारी योजना के मुताबिक नीलामी नहीं हुई है। उसकी कॉम्लेक्स को गैर कानूनी तरीके से ढाबा खोल दिया गया है। ढाबे से मिलने वाले हजारों रुपए की राशि का ग्राम पंचायत के सचिव के पास कोई हिसाब किताब नहीं है।

ग्राम घोडारी में बने इस व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स की गैर कानूनी रूप से उपयोग किए जाने की शिकायत जनपद पंचायत सीईओ को दो माह पूर्व लिखित में शिकायत की गई थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

गौरतलब है कि ग्राम घोड़ारी में तमाम कायदे कानूनों का खुला उलंघन कोई नई बात नहीं रह गई है। राज्य और केंद्र सरकार से आने वाले विकास कार्यों की राशि का भी सारे नियमों को तांक पर रख कर आहरण किया गया है।
ये तो सिर्फ शुरुआत है। डीएमएफ फंड , 14वे मद एवम 15वे मद की राशि और शासन की विभिन्न योजनाओं में की गई आपसी बंदरबाट का खुलेगा पोल और होंगे पर्दाफाश। बने रहिए बेबाक बयान न्यूज़ के साथ हर राज खुलकर हर बात खुलकर

 

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