अपराध

आरंग के श्रियांश हॉस्पिटल में चल रहा है - मौत का सर्विस सेंटर..?

निजी अस्पताल की लापरवाही से हुई,गर्भवती महिला तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत…!

गब्बर इस बैक फिल्म की तर्ज पर पल्ला झाड़ने लगे थे अस्पताल प्रबंधन

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
रायपुर / जीवन में स्वास्थ्य संबंधी प्रत्येक व्यक्ति सजग रहता है। वे अपने और परिवार से अत्यधिक प्रेम करते है। इसीलिए जब भी परिवार की स्वास्थ्य की बात आती है तो परिवार के लोग इलाज के लिए किसी अच्छे अस्पताल के बारे में बात करते है। मौत के ठेकेदार आज निजी अस्पताल का संचालन करते हुए लोगों की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इसी तारतम्य में जिला रायपुर के आरंग में स्थित एक निजी अस्पताल की घोर लापरवाही से गर्भवती महिला की प्रसव के बाद एक 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई । डॉक्टरों ने मौत की घटना को किया छुपाने का प्रयास। मौत होने के घंटों बाद रेफर करने का किया नाटक। परिजनों ने बॉडी में कोई हलचल नहीं होते देख जाना डॉक्टरों की मंशा। बिना पोस्ट मार्टम किए लाश को कर दिया परिजनों के हवाले। पैसे की लालच में डॉक्टर बन गया हैवान। आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद मरीज के परिजनों से 13600 की राशि कराया खर्च।
गौरतलब है कि, रायपुर जिले के आरंग विधानसभा में स्थित श्रीयांश हॉस्पिटल में 13 और 14 जून की दरम्यानी रात आरंग जनपद क्षेत्र के ग्राम बोरिद निवासी तुलेश्वरी कन्नौजे उम्र 22 साल को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने पैसे के लालच में बिना किसी सुविधा के महिला का सीजर ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन उपरांत महिला ने एक स्वस्थ नवजात बच्ची को जन्म दिया। 15 तारीख को पूरा दिन तुलेश्वरी कन्नौजे असहनीय दर्द से जूझती रही। दर्ज से जूझ रही महिला के शरीर में कई तरह से इन्फेक्शन दिखने लगे थे। जिसकी शिकायत श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों और नर्सों से महिला के पति और परिजन करते रहे। डॉक्टरों ने बिना किसी तरह के इलाज किए परिजनों से कहते रहे कि प्रसव के बाद यह सब नार्मल है। जल्दी ठीक हो जाएगी।

डॉक्टरों की लापरवाही का इंतहा तब हो गया जब पूरा दिन दर्द से तड़पते महिला ने 14 और 15 जून की दरम्यानी रात्रि में लगभग 1.30 बजे दम तोड़ दिया था। महिला का पूरा शरीर ठंडा हो चुका था। तब श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अपनी करनी पर पर्दा डालते हुए लगभग सुबह तीन बजे 15 जून को दूसरे हॉस्पिटल रायपुर भेजने के लिए रेफर कर दिया और खुद एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी कर दी। तुलेश्वरी कन्नौजे के परिजनों में एक बूढ़ी दादी ने तुलेश्वरी के शरीर को छुआ और जान गई कि, तुलेश्वरी कन्नौजे अब इस दुनियां में नहीं है, और तत्काल अपने बेटों से बूढ़ी महिला ने कहा कि, तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत हो चुकी है डॉक्टर क्यों झूठ बोल रहे हैं। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर से सवाल जवाब करना शुरू कर दिया तो डॉक्टरों ने भोले भाले ग्रामीणों को बताया कि, हां तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत हो चुकी है। इस दौरान मृत महिला के परिजनों में उसका पति बूढ़ी दादी और उसकी मां हॉस्पिटल में मौजूद थी। तुलेश्वरी कन्नौजे के पति ने अपने बड़े भाई को मामले की जानकारी दी। इसी बीच श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने तत्काल मामले को रफा दफा करने के लिए मृत महिला के पति से कोरे कागज पर दस्खत करवाए और अस्पताल के अन्य कुछ कागजों में जो अंग्रेजी में लिखे हुए थे उन फार्म में हस्ताक्षर करवा लिए। हॉस्पिटल प्रबंधन अपनी करनी को छूपाने के लिए पूरी तरह से पूरी कागजी कार्रवाई कर ली। तब तक मृतिका के जेठ और अन्य परिजन हॉस्पिटल पहुंच गए। जवान बहु की मौत की खबर से बदहवास पूरे परिवार को गहरी शोक में डूबो दिया था। पति का रो रो कर बुरा हाल था। परिजन कुछ समझते इससे पहले सुबह के लगभग 3.30 बजे 15 जून को श्रीयांश हॉस्पिटल ने बॉडी को बोरिद ग्राम पहुंचवाने की व्यवस्था कर परिजनों को चलता कर दिया था।
मौत के बाद जब तुलेश्वरी कन्नौजे के पति ने मौत होने की वजह पूछी तो श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि, महिला को सिकलिन ज्यादा होने की वजह से मौत हो गई है। श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों की बात झूठी थी। इस बात का खुलासा परिजनों को तब हुआ जब आरंग ब्लॉक के कुछ सरकारी डॉक्टर बोरिद ग्राम पहुंचे थे उन्होंने श्रीयांश हॉस्पिटल द्वारा ऑपरेशन से पहले किए गए टेस्ट रिपोर्ट देख कर कहा कि, सिकलिन इतने मात्रा में तुलेश्वरी कन्नौजे के शरीर में नहीं थी, ना ही इससे किसी की मौत हो सकती है। श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टर अपनी गलती छूपाने के लिए बहाना बना रहे हैं।

श्रीयांश हॉस्पिटल की लापरवाही
*
श्रीयांश हॉस्पिटल ने पैसे की लालच में बिना सारे टेस्ट किए 22 वर्षीय गर्भवती महिला का ऑपरेशन कर दिया।

12 से 14 घंटे तक दर्द और शरीर में इन्फेक्शन देखने के बाद भी डॉक्टरों ने सुरक्षित हॉस्पिटल में केश को रेफर नहीं किया।

परिजनों के मुताबिक तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत 14, 15 जून की दरम्यानी रात्रि में लगभग डेढ़ बजे मौत हो गई थी, जिसे छिपाने के लिए सुबह 3 बजे के लगभग अन्यत्र केश को रेफर किया जा रहा था।

महिला की मौत के बाद लाश को जीवित बताकर रेफर करना श्रीयांश हॉस्पिटल की क्रूरता और लालच को दर्शाता है।

सिकलिन की जितनी तादात को मौत की वजह श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टर बता रहे, उसी मात्रा को सरकारी अस्पताल के डॉक्टर नॉर्मल बता रहे हैं।

तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत के बाद श्रीयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पोस्ट मार्टम ना कर लाश को तत्काल हॉस्पिटल से हटवा दिया।

ये तो अभी शुरुआत है..!
मिलते है अगली कड़ी में …!!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button