छत्तीसगढ़

मिलेट्स की खेती से किसानों को मिलेगा अत्यधिक लाभ - योगेश्वर राजू सिन्हा

विकसित कृषि संकल्प यात्रा“ 29 मई से 12 जून तक

आज झालखम्हरिया, खट्टी, किशनपुर, टेंका, गेर्रा एवं छिबर्रा क्लस्टर में पहुंचेगी यात्रा

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / मिलेट या मोटे अनाज की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि अभ्यास है जो भारत में व्यापक रूप से किया जाता है. मिलेट, जैसे ज्वार, बाजरा, और रागी, गेहूं और चावल की तुलना में कम संसाधनों में उगने वाले अनाज हैं. वे विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में उगाई जा सकती हैं ।मिलेट की खेती कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए एक अच्छी फसल है।

मिलेट की खेती के लाभ
कम लागत

मिलेट की खेती कम लागत वाली होती है और इसे कम पानी की आवश्यकता होती है।

उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता नहीं।

मिलेट विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है।

मिलेट की बुवाई खरीफ सीजन (जून-जुलाई) या रबी सीजन (अक्टूबर-नवंबर) में की जा सकती है।

इसी तारतम्य में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा द्वारा आज स्थानीय कलेक्टर परिसर में “विकसित कृषि संकल्प यात्रा“ का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने सुबह 10ः30 बजे दो किसान रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला पंचायत सीईओ एस आलोक, एसडीएम हरिशंकर पैकरा, प्रकाश शर्मा,कृषि उपसंचालक एफ आर कश्यप, कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन। विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
यह रथ निर्धारित शिविरों में जाकर प्रचार प्रसार करेगी। जिले में प्रतिदिन 3 रथ भ्रमण करेगी। इस रथ में कृषि,पशुपालन,उद्यानिकी विभाग द्वारा दृश्य एवं श्रव्य सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
विकसित कृषि संकल्प यात्रा में मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने और फसल चक्र परिवर्तन, प्राकृतिक जैविक खेती, उन्नत बीज, उन्नत कृषि यंत्र संतुलित उर्वरक, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन, पशु पालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया जाएगा।
कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देशानुसार जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान के लिए 29 मई से 12 जून तक प्रत्येक दिन 3 टीमों द्वारा अलग-अलग विकासखण्डों में दो-दो पालियों में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। टीम में कृषि वैज्ञानिक सहित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग, कृषि सखी, कृषक मित्र, पशु सखी, प्रगतिशील कृषक, एफपीओ के सदस्य एवं लखपति दीदी सम्मिलित होंगे। प्रथम पाली में प्रातः 10ः00 बजे से दोपहर 01ः00 बजे तक एवं द्वितीय पाली में दोपहर 02ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक कार्यक्रम आयोजित होगा।
उप संचालक कृषि एफ.आर. कश्यप ने बताया कि, इसकी शुरुआत गुरुवार 29 मई को महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत सहकारी समिति झालखम्हरिया एवं खट्टी से होगा। जिसके सफल संचालन के लिए श्री मनीराम उईके वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। दोनों पालियों में 7-7 ग्राम पंचायत के कृषक सम्मिलित होंगे। इसी तरह पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत प्रथम पाली में सहकारी समिति किशनपुर एवं द्वितीय पाली में टेंका में कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें क्रमशः 9 एवं 7 ग्राम पंचायत शामिल होंगे। अभियान के संचालन हेतु रोहित कुमार बरिहा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। इसी तरह सरायपाली विकासखण्ड अंतर्गत प्रथम पाली में क्लस्टर ग्राम पंचायत गेर्रा मिडिल स्कूल एवं द्वितीय पाली में छिबर्रा पंचायत भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें क्रमशः 2 एवं 4 ग्राम पंचायत शामिल होंगे। इसके लिए बी.एल. मिर्धा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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