बागबाहरा ब्लॉक में पदस्थ प्रधान पाठक देवशरण डडसेना निकला चावल चोर...?
शिक्षा विभाग को शर्मसार करता हुआ एक प्रधान पाठक चढ़ा ग्रामीणों के हत्थे…!
रिपोटर मयंक गुप्ता
महासमुंद / मध्याह्न भोजन योजना, भारत सरकार की एक योजना है जिसके अन्तर्गत पूरे देश के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निःशुल्क प्रदान किया जाता है। नामांकन बढ़ाने, प्रतिधारण और उपस्थिति तथा इसके साथ- साथ बच्चों में पौषणिक स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से 15 अगस्त 1995 को केन्द्रीय प्रायोजित स्किम के रूप में प्रारंभिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पौषणिक सहायता कार्यक्रम शुरू किया गया था। अधिकतर बच्चे खाली पेट स्कुल पहुँचते हैं, जो बच्चे स्कूल आने से पहले भोजन करते हैं, उन्हें भी दोपहर तक भूख लग जाती है और वे अपना ध्यान पढाई पर केंद्रित नहीं कर पाते हैं। मध्याह्न भोजन बच्चों के लिए ” पूरक पोषण ” के स्रोत और उनके स्वस्थ विकास के रूप में भी कार्य कर सकता है।
इसी तारतम्य में बागबाहरा ब्लाक के मिडिल स्कुल डोंगरगांव के प्रधान पाठक देवशरण डड़सेना द्वारा बच्चों के निवाला को चोरी कर अपने गृह ग्राम छिबर्रा अपनी मोटर सायकल से ले जाते हुये ग्रामीणों द्वारा रंगे हाथों पकड़ा गया । ग्रामीणों के सामने बेबाकी से खुलेआम चांवल ले जाने की बात वायरल वीडियों में स्वीकार कर चोरी और सीनाजोरी करते दिखाई दे रहे है । ज्ञात हो कि,शासन की योजना के तहत स्कुली बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए खाद्य वितरण केन्द्र से स्कुलों के लिए चांवल आवंटित किया जाता हैं. जिसे प्रधान पाठक के माध्यम से स्कुलों तक भेजा जाता है । ग्रामीणों ने बताया कि, हमारे ग्राम डोंगरगांव स्कुल का हेडमास्टर देवशरण डडसेना द्वारा कई बार बच्चों के लिए आए चांवल की बोरी को चोरी छिपे अपने घर ले जाया जाता रहा । रसोईया द्वारा बच्चों के लिए चांवल कम देने की शिकायत ग्रामीणो को बताई थी। तब ग्रामीण प्रधान पाठक देवशरण डड़सेना को रंगे हाथ पकड़ने के फिराक में थे और अंततः प्रधान पाठक श्री डडसेना को अपने मोटर सायकल से चावल चोरी करते ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिये । ग्राम डोंगरगांव के ग्रामीण में राजकुमार ने बताया कि, प्रधान पाठक देवशरण डड़सेना द्वारा स्वयं की दुपहिया वाहन क्रमांक CG 06-GH 7305 हीरो पैशन प्रो में लादकर ले जाया जा रहा था,इसके पूर्व में इनके द्वारा प्लास्टीक की थैली से 15 से 20 किलो मध्यान्ह भोजन का चांवल चोरी कर ले जाया करते थे । प्राथमिक शाला में चस्पीत सूची अनुसार बच्चो को खाना नहीं दिया जाता है. निर्धारित मिनू में भी भ्रष्टाचार कर बच्चों के हलक से निवाला छिनने में माहिर प्रधान पाठक पर क्या सिटी कोतवाली द्वारा कार्यवाही कर जेल भेजा जायेगा या फिर जांच के नाम पर लीपापोती कर शिक्षा विभाग द्वारा मामले को कफन दफ़न कर फ़ाइल क्लोज कर दी जाएगी । शासन प्रशासन द्वारा एक ओर प्रधान पाठक जैसे शिक्षक को 70 से 80 हजार पगार दे रही है. इस तरह से यह करतूत सम्पूर्ण शिक्षा जगत के ऊपर कालिख पोतने के समान है. ऐसी वाक्यांश में वर्तमान सरकार किस तरह से कार्यवाही करेगी या फिर मामले को ठंडे बस्ते में डालेगी. आगे बने रहिएगा बेबाक बयान न्यूज़ के साथ…! हर बात खुलकर, हर राज खुलकर