छत्तीसगढ़

महासमुंद की मां करणी कृपा पावर प्लांट मांग रही, युवाओं की बलि...?

 

दो परिवारों के चिराग बुझे,एक पीड़ित अपने इलाज के लिए भटक रहा तो दूसरा रायपुर के निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच अपनी सांसे गिन रहा है।

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / जिला के तुमगांव स्थित मां करणी कृपा पावर प्लांट ने बुझा दिया साहू परिवार का इकलौता चिराग ग्रामीणों के लिए यमराज बनकर आया है। मां करणी कृपा पॉवर प्लांट। पावर प्लांट बनकर अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुआ है और चढ़ने लगी है युवाओं की बलि एक ही दिन की घटना से सुने हो गए दो मां के कोख और बुझ गया साहू और वर्मा परिवार का चिराग। घटना के बाद जहां दो युवाओं की मौत हो गई है।वहीं एक नव युवक जिन्दगी और मौत के बीच जूझते हुए रायपुर राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती है।

हम आपको बता दें कि, महासमुंद से 12 किलो मीटर दूर नेशनल हाईवे 53 ग्राम खैरझीटी पर स्थित मां करणी कृपा पॉवर प्लांट में 8 सितंबर को एक जीसीबी टैंक जिसमें 24 घंटे 180 डिग्री सेंटीग्रेट की तापमान से पानी खौलते रहता हैं। उसी टैंक पर खिलेश्वर साहू पिता कुमार साहू उम्र 23 साल भोरिंग निवासी, भरत वर्मा पिता राजकुमार वर्मा ग्राम मुनगी चंदखुरी जिला रायपुर निवासी और डोमार सिन्हा कुरूद मंदिर हसौद निवासी करणी कृपा के इस जीसीबी टैंक में 180 डिग्री सेंटीग्रेट में खोलते पानी की टैंक जो जाम हो गई थी उसे खोलने पहुंचे थे। टैंक को खोलते ही टैंक में भरा पानी खिलेश्वर् साहू, भरत वर्मा और डोमार सिन्हा पर गिर गया और तीनों बुरी तरह से इस खोलते पानी में झुलस गए। जिसे रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 12 सितम्बर को इलाज के दौरान भरत वर्मा की मौत हो गई। ठीक इसके दो दिन बाद खिलेश्वर साहू की मौत 14 सितम्बर को हो गई है। वहीं डोमार सिन्हा अस्पताल में जिन्दगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

महासमुंद ब्लॉक के ग्राम खैरझीटी में बने इस करणी कृपा पॉवर प्लांट का लगभग 60 गांव से भी अधिक के ग्रामीणों ने इस प्लांट के खुलने का पुरजोर विरोध किया था और लगभग दो साल तक आंदोलन भी किया था। बावजूद इसके यह प्लांट को शासन प्रशासन ने मिलकर खोल दिया। जिसका खामियाजा यहां की जनता को अपने संतानों की आहुति देकर चुकानी पड़ रही है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि 8 सितंबर को हुए इस भीषण दुर्घटना जिसमें तीन लोग बुरी तरह से झुलस गए थे जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और एक व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। इस घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस प्रशासन को करणी कृपा पॉवर प्लांट के प्रबंधन ने सूचित भी नहीं किया था। आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि काल का रूप धारण कर चुके पॉवर प्लांट में और कितनों की बलि चढ़ने वाली है।

प्लांट में लेबर का काम करने वालों के लिए सेफ्टी के नाम पर कुछ भी नहीं है। जान जोखिम में डाल कर मजदूरी करने वालों की कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। बावजूद इसके यह प्लांट चल रहा है। 8 सितंबर को हुई घटना में मरने वाले व्यक्तियों के परिजनों को भारी मशक्कत के बाद 25_25 लाख का मुआवजा दिया गया है। जबकि परिजनों ने 80 लाख का मुआवजा मांगा था।

निकट भविष्य में कोरोना काल से बड़ी महामारी का रूप लेगा तुमगांव स्थित मां करणी कृपा पावर प्लांट विरोध आज नही तो कभी नही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button