महासमुंद कलेक्टर क्यों नही ले रहे संज्ञान, वंदे भारत की स्पीड लिऐ सड़क में दौड़ रही मौते...?



कलेक्ट्रेड कॉलोनी से गुजर रही रेत से लदे वाहन,आए दिन हो रहे सड़क हादसे..!!
रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुन्द / छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला से मामला सामने आ रहा है वैसे तो सत्ता परिवर्तन के बाद तो अवैध उत्खनन बन्द हो गया है फिर भी जिले की कुछ चिन्हांकित जगहों में अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से प्रशासन की नांक के नीचे से चल रहा है। अवैध रेती लोड का खेला ट्रैक्टर लोडिंग धड़ल्ले से दिन में खुले आम चालू है।
मामला महासमुन्द जिला के लाफिंग कला गांव का है , जहाँ पंचायत के बिना N.O.C.(अनुमति) के रेती का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। सुबह 3 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ट्रैक्टरों की लाइन लग जाती है और आते वक्त उन ट्रैक्टरों की स्पीड तो देखते ही बनती है मानो वंदे भारत ट्रैन की स्पीड क्या होगी उन अवैध रेती लोड ट्रैक्टर को किसी की भी चिंता नही है उनके सामने जो आ जायेगा वो हादसे का शिकार जायेगा। उन ट्रैक्टर ड्राइवरों को आम जनता की चिंता नही है। छोटे-छोटे बच्चे रोड में खेलते रहते है और शहर का सबसे आकर्षक गुरु गोविंद सिंह उद्यान, चौपाटी,वन विद्यालय भी उसी सड़क में है। जिसमे हर वर्ग के कर्मचारीगण और सामान्य वर्ग से विलोम करने वाले लोगों की फैमिली अपने-अपने बच्चो को प्रतिदिन घुमाने ले जाया करते है। बा- वजूद जिला प्रशासन कुंभकरण की निंद्रा लिऐ खर्राटे लगा सोए हुए है। अभी हाल ही अलसुबह के एक छोटा बच्चा ट्रैक्टर के नीचे हादसे का शिकार होने से बचा..?
क्या प्रशासन इंतेजार कर रही है जब कोई बड़ा हादसा हो और किसी की मौत हो। तब तक जिला प्रशासन अवैध उत्खनन होते देखते रहेंगे..? हाल ही में चिंगरौद घाट को जिला कलेक्टर द्वारा बंद कराया गया था जिसके बाद लाफिंग कला घाट को चालू कर लिया गया जिस रास्ते से 200-300 ट्रैक्टर दिन भर में निकलते है उस रास्ते में शासकीय कर्मचारियों को शासन द्वारा आबंटित मकान में निवासरत है।
समस्त सरकारी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्कूल,कॉलेज जाने का रास्ता है फिर भी दिन दहाड़े ट्रैक्टरों की स्पीड को ब्रेक नही लगाया जा सकता है। क्या शहर के जिला कलेक्टर को आम आदमी की मौतों की चिंता नही है जो कई बार संज्ञान देने पर भी उनके द्वारा लाफिंग कला में चल रहे अवैध रेती घाट को बंद करा पाए लाफिंगकला के सरपंच से बात करने पर बताया गया कि, हम घाट नही चला रहे गाँव के कुछ लोग घाट चला रहे है। ट्रस्ट के नाम पर किया जा रहा रेती घाट का गोरख धंधा पंचायत का इसमें कोई हाथ नही है और ना पंचायत कोई पिट-पास दे रहा है। फिर क्यों नही बंद करा पा रहे है जिला प्रशासन लाफिंगकला रेत घाट को..?
शासकीय कर्मचारियों के साथ क्यों नही होता हादसा
बता दे आजतक किसी बड़े अधिकारी के परिवारों के साथ क्यों नही होता है हादसा इसका सबसे बड़ा कारण है ये जब घर से बाहर लिकलते है तो इनके पीछे क्या सुरक्षा जेट प्लस लगाई जाती है। आम इंसानों के साथ ही ऐसा खिलवाड़ क्यों..?
इस तरह से ये अवैध रेत उत्तखनन करने वाले माफियाओं के खिलाफ जब तक कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया जाएगा तब तक शहरों में मौत का तांडव चलता रहेगा।

