छत्तीसगढ़

भाजपा की सरकार आई तो बसना या पिथौरा होगा मुख्यालय - डॉ संपत अग्रवाल।

 

भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर संपत अग्रवाल की संकल्प एवं जनसंपर्क रैली में शामिल हुए हजारों की भीड़ कहां जय भाजपा तय भाजपा

रिपोटर मयंक गुप्ता
महासमुंद / विधानसभा आयोग एवं निर्वाचन आयोग द्वारा गठित 2023 विधानसभा चुनाव का आज जनसंपर्क एवं संकल्प रैली की आखिरी तिथि के दौरान बसना विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर संपत अग्रवाल ने आज अपनी जनसंपर्क के दौरान ग्राम ढाबाखार की जनता की आंखों की चमक चेहरे और खुशी के भाव से परिवर्तन स्पष्ट छवि प्रतिबिंबित हो रही है। तत्पश्चात ग्राम सावित्रीपुर में भी ग्रामीणों का पूर्ण समर्थन भाजपा प्रत्याशी डॉ अग्रवाल को मिला। साथ ही भगत देवरी के ग्रामीणों से भी मुखातिब हुए एवं अंत में पिथौरा के संपूर्ण वार्डों में भ्रमण कर पदयात्रा निकाल लोगों से मेल मिलाप करते हुए।

अंतिम दौर में पिथौरा स्थित भाजपा कार्यालय के समक्ष मंच में भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर संपत अग्रवाल आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, मैं एक सेवक हूं मुझे एक बार सेवा का मौका देवे।क्योंकि इन 5 सालों में आपने जिस राजा को राज्य की हिफाजत के लिए बिठाये हुए थे क्या वह कभी आपके समक्ष आपकी मूलभूत सुविधाओं का निराकरण करने अपने महल से आपके घर में आए हैं क्या फिर से वही राजा को इस राज्य की हिफाजत करने चुनेंगे। यह फैसला आपका है की आने वाले 17 तारीख को द्वितीय चरण का मतदान होना है और आपका एक भी वोट बेकार नहीं जाना चाहिए। भाजपा प्रत्याशी डॉ संपत अग्रवाल ने आगे यह कहा कि, नवोदय विद्यालय सरायपाली में, केंद्रीय विद्यालय सरायपाली में, एसडीएम कार्यालय सरायपाली में, लोक न्यायालय सरायपाली में और आज तक जो भी बसना विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं वे सभी विधायक सरायपाली क्षेत्र के हैं और बसना विधानसभा क्षेत्र में विधायक बन हमेशा लोगों को ठगे हैं। आज आपके क्षेत्र बसना विधानसभा की सर्वांगीण विकास हेतु बसना निवासी आपका अपना भाई बेटा आपका पुत्र डॉक्टर संपत अग्रवाल आपसे निवेदन करता है कि पूरे 90 विधानसभा में सबसे आगे और सबसे ज्यादा विकास एवं मुख्यालय पिथौरा या बसना को बनाने का मेरा जो संकल्प है आप सभी का सहयोग 17 नवंबर 2023 को सिद्ध होगा कि आप अपने विधानसभा क्षेत्र को विनाश की ओर लेकर जाते हैं या फिर विकास चाहते हैं यदि विकास चाहते हैं तो एक बार मुझे सेवा का मौका दे मैं आपको विश्वास दिलाता हूं बसना विधानसभा क्षेत्र के क्षेत्र वासियों को आगामी 6 माह के भीतर सारी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ण करूंगा।
भाजपा प्रत्याशी डॉ अग्रवाल ने यह भी कहा कि, कांग्रेस सरकार इन पांच सालों में केवल जनता को ठगी है और फिर ठगने के लिए आपको कर्जमाफी का हवाला दे रही है। आपको बता दूं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गारंटी की बात कही तो गारंटी ही है इस छत्तीसगढ़ और पूरे प्रदेश में भाजपा की सरकार स्थापित हो रही है। और आप लोग से भी मैं निवेदन करता हूं इस भ्रष्ट सरकार को 17 नवंबर 2023 को भाजपा कमल फूल के बटन पर अपना पूर्ण मतदान देकर उखाड़ फेंकना है। कुछ इतिहास की बातें जो की सरायपाली और बसना विधानसभा क्षेत्र की घोषणा के पहले किन-किन लोगों ने यहां पर राज किए हैं।

इतिहास…!!
बसना और सरायपाली के पहले विधायक कौन – कौन और किस पार्टी के थे…?

महासमुंद विधानसभा बनने के बाद बसना तथा सरायपाली को विधानसभा का दर्जा मिलने में कितने वर्ष लग गए। सरायपाली और बसना के पहले विधायक कौन कौन और किस पार्टी के थे..?
पहले महासमुंद विधानसभा में खल्लारी, बसना, सरायपाली भी शामिल था। 1950 में महासमुंद विधानसभा बना और इसके 17 साल बाद बसना तथा सरायपाली को विधानसभा का दर्जा मिला। खल्लारी, बसना और सरायपाली 1977 में विधानसभा के रूप में अस्तित्व में आया बता दें कि, अभिवाजित मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के सरायपाली विधानसभा क्षेत्र का पहला विधानसभा चुनाव 1977 में हुआ। जहां से मोहनलाल रामप्रसाद कांग्रेस पार्टी का बैनर तले विधायक बने।
वर्ष 1980 में कांग्रेस के ही मोहनलाल रामप्रसाद, 1985 में पुखराज सिंह निर्दलीय, 1990 में भाजपा के नरसिंग प्रधान, वर्ष 1993 में मोहनलाल चौधरी कांग्रेस, 1998 में देवेन्द्र बहादुर कांग्रेस थे।
इसी तरह बसना विधानसभा में भी 1977 में पहला विधायक बी.एस .लालबहादुर कांग्रेस के पहले विधायक बने और 1980 में वे कांग्रेस पार्टी में रहकर दुबारा विधायक बने। वर्ष 1985 में यहां से महेन्द्र बहादुर कांग्रेस से विधायक बने। वर्ष 1990 में लक्ष्मण जयदेव सतपथी जनता दल से विधायक हुए।

1993 में महेन्द्र बहादुर निर्दलीय के रूप में जीते और 1998 में फिर से महेन्द्र बहादुर कांग्रेस के विधायक बने। 2003 में बसना से डॉ. त्रिविक्रम भोई भाजपा के पहले विधायक बने। 2008 में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और देवेन्द्र बहादुर कांग्रेस के विधायक बने। वर्ष 2013 में रूपकुमारी चौधरी भाजपा के बैनर तले विधायक बनीं।

और फिर 2018 के चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और देवेन्द्र बहादुर कांग्रेस के विधायक बने जिसमे भाजपा से डीसी पटेल को हार मिली वही भाजपा से बागी होकर बसना के डॉ संपत अग्रवाल निर्दलीय चुनाव लड़े और 50 हजार से अधिक मत प्राप्त हुए और दूसरे नम्बर पर रहे वही भाजपा प्रत्यासी डीसी पटेल तीसरे स्थान पर रहे ।

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