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प्रदेश में सरकार बदलने के साथ लगातार 3 री बार नियम विरुद्ध परिसीमन।

 

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 तथा नगर पालिका (वार्डो का विस्तार) नियम 1994 के नियम 6 के तहत वार्डो के सीमा निर्धारण संबंधी नियम है।जिसमे प्रत्येक 10 वर्षो में नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत 3 से 5 किमी के दायरे में पड़ने वाले ग्राम क्षेत्र को नगर पालिका क्षेत्र में जोड़ने के लिए परिसीमन किया जाना है और वार्डो की संख्या बढ़ाने एवम वार्डो की संख्या नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत 40 से अधिक नही हो सकता इसी तरह जब जनसंख्या 1 लाख से अधिक हो जाएगी तब निगम का दर्जा प्राप्त होने संबंधी नियम है।परंतु प्रदेश में सरकार के बदलने के साथ ही लगातार ये तीसरी बार नियम विरुद्ध और नियम के विपरीत परिसीमन किया जा रहा है।इसके पूर्व महासमुन्द पालिका क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 में नियम के विपरीत परिसीमन करते हुए वार्डो की संख्या 18 से 21 फिर 21 से 24 बाद 24 से 30 किया गया।दूसरा परिसीमन 2019-2020 में किया गया है अब 20024-25 में लगातार 3 री बार नियम के विपरीत परिसीमन किया जा रहा है।जिससे आम नागरिकों के पता संबंधी अनेक शासकीय व अन्य कार्यो में दस्तावेज संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ेगा? आखिर राज्य सरकार क्यो और किसे लाभ पहुचाने के लिए नियम विपरीत परिसीमन कर वार्डो की सीमा कम करके संख्या बढ़ा रही है और जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है? इसका जवाब क्षेत्र के सांसद और विधायक तथा सता के नुमाइंदों को देना चाहिए? यदि परिसीमन करना है तो अधिनियम व नियम के शर्तो का अनुपालन करते हुए किया जाना चाहिए जिससे आगामी समय में निगम का दर्जा प्राप्त करने का मार्ग प्रसस्त हो। *पंकज साहू पूर्व पार्षद व राष्ट्रीय सचिव -प्रदेश अध्यक्ष गांधीवादी संगम कांग्रेस*।

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