छत्तीसगढ़

जिले के समिति प्रबंधक त्यागपत्र के साथ पहुंचे कलेक्ट्रेड मांग पूरी नहीं की तो,धान खरीदी नहीं होगी।

प्रबंधक खरीदी नहीं करेंगे तो धान पैदा करने वाले किसानों का होगा बुराहाल..?

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद। छत्तीसगढ़ सरकार को धान खरीदी मामले पर पहले से ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सरकार की धान खरीदी नीति 2024_2025 का विरोध करते हुए समिति के सदस्य आज जिला कलेक्टर के कार्यालय पहुंच कर त्यागपत्र की पेशकश की है।
वो कहावत है ना कि सिर मुड़ाते ही वोले पड़े को चरितार्थ होते देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार पहले से ही धान खरीदी को 14 नवम्बर से प्रारंभ करने की वजह से विपक्ष पार्टी के निशाने पर, वही अब धान समिति केंद्रों के प्रभारियों ने राज्य सरकार की धान खरीदी नीति 2024_25 को समिति के अनुकूल नहीं होने की बात कहते हुए आज जिले के सभी प्रबंधक इस्तीफा देने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। कलेक्टर पहुंचे समिति के प्रबंधकों ने 3 बिंदुओं पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। समिति के सदस्यों का कहना है कि धान खरीदी में पिछली सरकारों द्वारा 72 घंटे के भीतर धान के उठाव नियम को वर्तमान राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है। समिति का कहना है कि 72 घंटे के भीतर धान का उठाव नहीं होने की वजह से धान की सुखत अधिक होने से समितियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता ही। समिति में पाई जाने वाली धान की कमी का हर्जाना समितियों को ही चुकाना होता है ऐसी स्थिति में समिति प्रबंधक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। लाखों-करोड़ों रूपए का आर्थिक खजाना भरना पड़ेगा जो किसी भी समिति के लिए संभव नहीं हो सकेगा। लिहाजा समिति प्रबंधकों ने फैसला लिया है कि वह समिति का काम करेंगे लेकिन प्रबंधन का काम नहीं करेंगे। जिले के 182 उपार्जन केंद्र के 133 समिति के प्रबंधक जिला कलेक्टर पहुंचकर अपने त्यागपत्र की पेशकश जिला कलेक्टर से की हैं।

समितियों की ये है मांग…

1)कंडिका 17/4 खरीफ़ विपणन वर्ष 2023-24 में खरीदी केन्द्रो की बफ़र (लिमिट स्टाक) की सीमा से अधिक होने पर 72 घंटे के भीतर शीघ्र धान का उठाव कराया जायेगा।

2.- कंडिका 16/8 खरीदी केन्द्रों में भण्डारित समस्त धान को मार्क़फ़ेड के द्वारा दिनांक 28 फ़रवरी तक अनिवार्य रूप से उठाय कराया जायेगा ।

3.- कंडिका नं. 15 ऐसे समिति को इन्सेटिव प्रदान किया जायेगा जिसमें :-1.-समिति के सार्टेज निरंक होने पर 2.5 प्रतिशत समिति को एवं 2.5 प्रतिशत धान खरीदी में कार्यरत कर्मचारियों को दिया जायेगा परिवहन स्तर पर होने वाले कमी की वसुली / भरपाई मार्कफ़ेड द्वारा परिवहनकर्ता से किया जायेगा। वर्तमान धान खरीदी नीति 2024- 25 से हटा दिया गया है। महोदय उपरोक्त सभी बिन्दुओं को वर्तमान धान खरीदी नीति 2024-25 में जोड़ा जावे, साथ ही उसमें समितियों को 28 फ़रवरी के पश्चात भण्डारित सम्पूर्ण धान का उठाय नही होने पर उसमें सूखत सार्टेज मान्य रखने करने का भी प्रावधान रखे जावे । कलेक्टर को इस्तीफा देने पहुंचने वालों में जिलाध्यक्ष तुलाराम ध्रुव समिति बढाईपाली, कार्यकारी जिलाध्यक्ष पंकज साव समिति बिछिया,
जिलाउपाध्यक्ष कौशल साहू (समिति खट्टी) , मनोज डडसेना (समिति सपोस),जिलासचिव घनश्याम चौधरी समिति भुकेल,संरक्षक विजय कोसरे (झलप),ऋषि पटेल (सोनासिल्ली),
ईश्वर पटेल (कौहाकुडा),जयप्रकाश साहू (चरौदा),कृष्ण लाल साहू (लहंगर),लोकेश साहू (रसोडा),
सहसचिव मुकेश साहू (रायतुम),
संगठन मंत्री संतोष साहू (घोंच),
भेखलाल यादव (देवरी), प्रचार मंत्री
जय राम प्रधान (परसवानी),संतोष पटेल (पुटका), मिडिया प्रभारी
भानुप्रताप साहू (झलप)
सदस्यगण मनोहर बरिहा,
रामकृष्ण मने,प्रदीप कुमार साहू,
रमेश सिन्हा,रतन साहू,भुनेश्वर पटेल,
कमलेश भोई,उमेश भोई,सुरेश भोई, मोद राम निषाद, देर्वाचन राणा

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