अपराधछत्तीसगढ़

जंगली सुवर के 4 शिकारी अब खाकी वर्दीधारी के शिकंजे में

चारों आरोपियों को रिमांड में लेकर महासमुंद जेल दाखिल किया गया।

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
महासमुंद / आज यदि कुछ हद तक वनों की सुरक्षा से वन वृक्ष बचे हुए है तो उसका मुख्य श्रेय वन्य प्राणियों को जाता है क्यों ये ही वन में रहकर वनों की रक्षा करते है।
बता दे कि , अभी ग्रीष्म कालीन का सीजन है और ऐसे में वन्यप्राणी अपनी प्राणों की प्यास बुझाने इधर उधर भटक रहे हैं किंतु कुछ लोग वन्यप्राणीयों की हत्या कर उनका मांस भक्षण में लगे हुए है। इसी तारतम्य में सरायपाली वन परिक्षेत्र बहेरापाली के ग्राम पोटापारा में नारद पिता पंचराम बरिहा जाति बिझवांर उम्र 53 वर्ष के घर में अवैध शिकार कर वन्यप्राणी मांस रखने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को मिली जिस पर मामले की सूचना जिला वन मंडल अधिकारी को जानकारी दी गई। जिला वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत के निर्देशन पर उप मंडलाधिकारी अनिल भास्करन ने प्रत्यूष टांडेय वन परिक्षेत्राधिकारी और कर्मचारियों ने सरायपाली वन परिक्षेत्र के बहेरापाली के ग्राम पोटापारा में दबिश देकर आरोपियो के घर की तलाशी के दौरान वन्यप्राणी जंगली सुअर की 8 नग हड्डी तथा खुन से सना हुआ प्लास्टिक बोरा एवं थैला जप्त किया गया है। आरोपी नारद बरिहा ने पूछताछ पर बताया कि, उसके साथ हेमसागर साव पिता भुवनेश्वर, तिरिथ राम कोंध पिता जोगीलाल, प्रदीप कुमार सिदार पिता नंद कन्हैया सिदार वन्य जीव के शिकार में शामिल थे। जिन्हें गिरफ्तार उनके विरूद्ध वन्यप्राणी सरक्षण वन अधिनियम 1972 की धारा 2 (16)A, 39(3), 39(3)स, 43 (A)1 एवं धारा 09 तथा धारा 51 के तहत् कार्यवाही की जा रही है। उक्त अभियुक्तो को समक्ष न्यायालय प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सरायपाली के आदेश से रिमांड में रखने हेतु जिला जेल महासमुन्द भेजा दिया गया है।

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