स्वस्थ्य जीवन

छुरा के झोलाछाप डॉ.जैकब जार्ज चला रहे थे अवैध अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जड़े ताले।

 

सालों से संचालित अवैध अस्पताल के संचालक झोलाछाप डॉक्टर जैकब जॉर्ज की दुकानदारी में लगा ताला ।

रिपोर्टर मयंक गुप्ता
गरियाबंद / जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अन्तर्गत छुरा में सालों से संचालित हो रही निजी अस्पताल में दिनांक 30 अगस्त 2024 को गरियाबंद जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीमती गार्गी यदि के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर छापेमारी की कार्यवाही कर एक अवैध रूप से संचालित हो रहे निजी अस्पताल को बंद कर दिया गया।

बुलंद हौसले लिए सालों से संचालित हो रही थी झोलाछाप डॉक्टर जैकब जॉर्ज की दुकानदारी

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त विकासखंड छुरा जिला गरियाबंद में सालों से अवैधानिक निजी अस्पताल संचालक डॉक्टर जैकब जॉर्ज द्वारा बेखौफ होकर आदिवासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ जैसा जिन्होंने कृत्य किया जा रहा था।
जिसकी जानकारी मिलने पर मीडिया की टीम पहुंचने पश्चात स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को दूरभाष के माध्यम से जानकारी देने उपरांत ही त्वरित कार्यवाही हेतु जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीमती गार्गी यदु के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर छापामारी की कार्यवाही करने वाले टीमों में डॉ.अमन हुमने, डॉ.सुनील रेड्डी, डॉ. सोमेश्वर ठाकुर एवम डॉ.हरीश चौहान पहुंचे मौके पर अस्पताल संचालन हेतु वैध दस्तावेजों की कमी पाई गई। जिसमे डॉक्टर जैकब जॉर्ज को त्वरित लिखित स्पष्टीकरण मांगते हुए। अस्पताल में ताला जड़ दिया गया । साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉक्टर जैकब जार्ज को हिदायत देते हुए कहा कि,यदि आप पुनः अस्पताल का संचालन करना चाहते है तो आपको नर्सिंग होम एक्ट संबंधित संपूर्ण दस्तावेज सबमिट करना पड़ेगा उसके बाद ही आप अस्पताल का संचालन कर सकते है। यदि इसके बा वजूद आपने अस्पताल का संचालन किया तो ये आपकी स्वयं की जवाबदारी होगी।

स्वच्छता और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट परमिट नही है।

डॉक्टर जैकब जार्ज के अस्पताल में बायोमेडिकल अपशिष्ट पाइपलाइन और अपशिष्ट कम करने वाली पाइप बिछाने के लिए नगर पंचायत को अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु अभी आवेदन किया गया है जबकि इनको पूर्व में ही कर लेना था। लेकिन अपने अड़ियल रवैए के चलते इन्होंने किसी के प्रकार से भी अस्पताल प्रबंधन हेतु वैध दस्तावेज नहीं रखे है।

जिले में संचालित हो रहे हैं अवैध निजी अस्पतालों की अब खैर नहीं।

डॉ श्रीमती गार्गी यदु (जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) गरियाबंद छत्तीसगढ

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