स्वस्थ्य जीवन

बागबाहरा में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मी सितेश दीवान द्वारा उड़ाई जा रही नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियां

एमपीडब्ल्यू श्री दीवान के निर्देश में 12वी पास श्री पटेल कर रहे हैं लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़....

 

रिपोर्टर मयंक गुप्ता

महासमुंद / आज के समय में शायद ही कोई ऐसा गाँव हो जहां एक या दो डॉक्टर न रहते हों, लेकिन इन डॉक्टरों में कितने असली डॉक्टर होंगे, शायद यह उनसे इलाज कराने वालों को नहीं मालूम होगा। यदि इनकी शिक्षा की बात की जाए तो इनमें से बहुत तो हाईस्कूल या इंटर ही पास होंगे किंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने प्रारंभिक शिक्षा भी अर्जित नहीं की है। इसके बावजूद ग्रामीण अपना समय बचाने हेतु इसे अपना इलाज करवा रहे हैं।
महासमुंद जिले में नर्सिंग होम एक्ट और उच्च न्यायालय के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसमें जिला स्वास्थ्य और नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी सहित सारी टीम की संरक्षण और मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता । जिसके चलते अवैध क्लिनिक पैथोलॉजी लैब सहित हॉस्पिटलों का संचालन नियमों को ताक में रखकर जिले में लगातार संचालित हो रही है और अवैध कारनामा करने वाले लोगों का गोरख धंधा खूब फल फूल रहा है। एक तरफ शासन और उच्च विभाग द्वारा अवैध स्वास्थ्य संबंधी गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने तरह-तरह की उपाय कर लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं उसके बावजूद भी जिम्मेदारी अधिकारी इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं। जिससे साफ जाहिर है कि, स्वास्थ्य विभाग की सह पर अवैध कारोबार का गोरखधंधा अपनी चरम सीमा पार कर चुका है। नतीजन स्वास्थ्य के अवैध कारोबारी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ करने पर उतारू हो गए हैं।

12वी पास शेतकुमार पटेल कर रहे हैं मरीजों का इलाज

इसी तारतम्य में विकासखंड बागबाहरा के करहीडीह में पदस्थ सितेश दीवान (एमपीडब्ल्यू) द्वारा बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 23 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नर्रा में 12वीं पास शेतकुमार पटेल को भाड़े में रखकर अवैध क्लिनिक संचालन करने वाले सितेश दीवान बेखौफ होकर अपनी नौकरी कर रहे हैं। विगत दिनों बेबाक बयान की टीम की पड़ताल उपरांत पाया गया कि, 12वीं पास श्री पटेल द्वारा लोगों को इलाज किया जा रहा है उनसे पूछने पर कहा गया कि, यह क्लीनिक मैं नहीं सितेश दीवान एमपीडब्ल्यू चला रहे हैं मैं केवल यहां पर प्रैक्टिस कर रहा हूं।

एक तरफ शासन प्रशासन द्वारा लोगों को नि:शुल्क उपचार के लिए लाखों करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में झोलाछाप डॉक्टर हो एवं प्राइवेट हॉस्पिटल जो इलाज के नाम से लोगों को लूट रहे हैं।

शासन ने लोगों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड मुहैया तो करवा दिया है। इसके बावजूद निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के अलावा अतिरिक्त चार्ज ठोककर लोगों की पीड़ा बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अवैध काम करने वालों को बक्सा नहीं जाएगा होगी सख्त से सख्त कार्यवाही।

पी. कुदेशिया (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) जिला महासमुंद छत्तीसगढ़

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